10 September 2015

गुरु - गोरखनाथ जी का दिव्य शाबर मंत्र

ॐ  गुरूजी  …। 

गोरख जती मछेन्द्र का चेला , शिव के रूप में दिखे अलबेला , कानों  कुण्डल गले में नादी , हाथ त्रिशूल नाथ है आदि , अलख पुरुष को करूँ आदेश  .... 

जनम -जनम के काटो कलेष , भगवा वेश हाथ में खप्पर , भैरव -शिव का चेला।  जहाँ-जहाँ जाऊं  नगर -डगर लगे फिर वहां  मेला  ....  शिव का धुना गोरख तापे 

काल-कंटक थर-थर कांपें  .... मेरी रक्षा करें नवनाथ , राम-दूत हनुमंत ऋद्धि -सिद्धि आँगन विराजे , माई अन्नपूर्णा सुखवंत शब्द साँचा , पिंड कंचा चलो मंत्र 

ईश्वरो वाचा। 


इस मंत्र का नित ११ बार जाप करने से साधना में सफलता के अलावा सभी मनवांछित कार्य भी सफल होते हैं। 

जय शिव-गोरख , ॐ  शिव-गोरख .





3 comments:


  1. शाबर मंत्र दीक्षा

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  2. विरेश नाथ शंकर हनुमानगढ़ राजस्थान

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