ॐ गुरूजी …।
गोरख जती मछेन्द्र का चेला , शिव के रूप में दिखे अलबेला , कानों कुण्डल गले में नादी , हाथ त्रिशूल नाथ है आदि , अलख पुरुष को करूँ आदेश ....
जनम -जनम के काटो कलेष , भगवा वेश हाथ में खप्पर , भैरव -शिव का चेला। जहाँ-जहाँ जाऊं नगर -डगर लगे फिर वहां मेला .... शिव का धुना गोरख तापे
काल-कंटक थर-थर कांपें .... मेरी रक्षा करें नवनाथ , राम-दूत हनुमंत ऋद्धि -सिद्धि आँगन विराजे , माई अन्नपूर्णा सुखवंत शब्द साँचा , पिंड कंचा चलो मंत्र
ईश्वरो वाचा।
इस मंत्र का नित ११ बार जाप करने से साधना में सफलता के अलावा सभी मनवांछित कार्य भी सफल होते हैं।
जय शिव-गोरख , ॐ शिव-गोरख .
गोरख जती मछेन्द्र का चेला , शिव के रूप में दिखे अलबेला , कानों कुण्डल गले में नादी , हाथ त्रिशूल नाथ है आदि , अलख पुरुष को करूँ आदेश ....
जनम -जनम के काटो कलेष , भगवा वेश हाथ में खप्पर , भैरव -शिव का चेला। जहाँ-जहाँ जाऊं नगर -डगर लगे फिर वहां मेला .... शिव का धुना गोरख तापे
काल-कंटक थर-थर कांपें .... मेरी रक्षा करें नवनाथ , राम-दूत हनुमंत ऋद्धि -सिद्धि आँगन विराजे , माई अन्नपूर्णा सुखवंत शब्द साँचा , पिंड कंचा चलो मंत्र
ईश्वरो वाचा।
इस मंत्र का नित ११ बार जाप करने से साधना में सफलता के अलावा सभी मनवांछित कार्य भी सफल होते हैं।
जय शिव-गोरख , ॐ शिव-गोरख .
ReplyDeleteशाबर मंत्र दीक्षा
विरेश नाथ शंकर हनुमानगढ़ राजस्थान
ReplyDelete7990208131
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