समय कम है तो कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें
वर्तमान समय में सभी लोग पर काम का दबाव बना रहता है। ऐसे में
दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण पाठ कर पाना बहुत से लोगों के लिए कठिन हो
सकता है। इस स्थिति में दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल प्राप्त
करने के लिए एक आसान उपाय का वर्णन दुर्गा सप्तशती में किया गया
है। अगर आप भी सिर्फ 5 मिनट में दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्याय,
कवच, कीलक, अर्गला, न्यास के पाठ का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं तो
आपके लिए यह उपाय काफी उपयोगी हो सकता है।
भगवान शिव ने पार्वती से कहा है कि दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का जो
फल है वह सिर्फ कुंजिकास्तोत्र के पाठ से प्राप्त हो जाता है। कुंजिकास्तोत्र
का मंत्र सिद्ध किया हुआ इसलिए इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं है। जो
साधक संकल्प लेकर इसके मंत्रों का जप करते हुए दुर्गा मां की आराधना
करते हैं मां उनकी इच्छित मनोकामना पूरी करती हैं। इसमें ध्यान रखने
योग्य बात यह है कि कुंजिकास्तोत्र के मंत्रों का जप किसी को नुकसान
पहुंचाने के लिए नहीं करना चाहिए। किसी को क्षति पहुंचाने के लिए
कुंजिकास्तोत्र के मंत्र की साधना करने पर साधक का खुद ही अहित होता
है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
शिव उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः भवेत् ॥1॥
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ॥2॥
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ 3॥
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
पाठमात्रेण संसिद्ध् येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥4॥
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